यदि भगीरथ में यह गुण न होता.. तो माँ गंगा कैसे आ पातीं। गंगा अवतरण । Best Life changing Speech
प्रकृति का हर अंग हमारे लिए संदेश रखता है..जैसे नदियाँ..हमें हमेशा चलते रहना सिखाती हैं..
ये विशाल पर्वत, ये विशाल धरती..जो हम सब को थामे हुये है..ये हमें विशाल हृदय का होना सिखाती है।
इसी तरह से प्रकृति का एक गुण सब्र होता है|
सूरज को देखिये,तुरंत उगता है क्या?
..चाँद को देखिये..तुरंत आता है क्या ?
दिन- रात क्या कभी भी हो जाते हैं..
क्या मौसम तुरंत परिवर्तित हो जाता है ?
इन सब में एक समय रहता है..
इसीलिए हम स्वस्थ रहते हैं|
सोचिये, यदि ये कैसे भी हो जाए
कभी भी हो जाए
तुरंत हो जाए..
तो हमारी क्या हालत हो..
जोरों की गर्मी पड़ रही हो...
और तुरंत ठंड हो जाए ..
तो हमारी कैसी हालत हो जाती है ..
प्रकृति इससे हमारे लिए एक बड़ा संदेश निकाल करके देती है..वो है अपने भीतर सब्र रखना..
बड़े काम..महान काम..बेहतरीन चीजें धीरे -धीरे होती हैं ..
उसमे थोड़ा समय लगता है और वो समय...
हमें उस विषय को..
और गहरायी से समझने का अवसर देता है..
हमें बेहतर करता है.. हमें तराशता है..
पहले, जो ऋषि- मुनी होते थे..
एक वरदान के लिए हजारों वर्ष तपस्या करते थे और ईश्वर हजारों वर्ष की उनकी तपस्या को देख करके..
उसके बाद वो उनके सामने प्रकट होते थे..
और वो वरदान देते थे..अगर उनमे सब्र नहीं होता तो कैसे होता ,
अगर भगीरथ में सब्र नहीं होता तो गंगा कैसे आ पाती ,कैसे हम सब तिरते
हर बेहतरीन चीजों में, हर महान कामों में, थोड़ा समय लगता है|
धैर्य रखिए,चीजें जरूर बेहतर होंगी..
आप अपना काम बेहतर तरीके से करते रहें..
आप अपने काम को पूरे ज़िम्मेदारी से करते रहें..
जिसमें भी हों..
उतार चढ़ाव जीवन के हिस्से है..वो आते रहेंगे|
बस, आप को अपना काम ज़िम्मेदारी से करते रहना है |
जो चुनौतियां आयें...
उनका सही तरीके से, समझदारी से, सामना करते रहना है| ईश्वर आपको खाली हाथ नहीं जाने देगा | वो कहते भी तो हैं न..कि सब्र का फल मीठा होता है|
तो बस..थोड़ा सब्र करिए
परेशान होने से कुछ भी नहीं होगा |
सब कुछ मिलेगा..देर से नहीं...
ये हमारे जीवन को सही तरीके से जीने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे |
इसलिए धीरज रखिए ,
सफलता जरूर मिलेगी..
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