मैं बहुत रोता था..जब बचपन में मम्मी मुझे ये किस्सा सुनाती थी ..
जब शेर ने पूरा जंगल दे दिया ...
photo credits :this photo i taken from internet..to represent content.and it same as my childhood pic.thanks for this picture. |
और अक्सर एक किस्से को मैं बार बार सुनाने को जिद करता था ...और जब वो किस्सा सुनाती थी ..पता नही क्यूँ मैं बहुत रोता था..और मेरी मम्मी बड़ी आसानी से सुना कर सो जाती थी ..मैं लगभग आठ से नौ साल का रहा होऊंगा ...
किस्सा कुछ ऐसा था कि एक गाय जंगल में घास चर रही थी और अचानक से एक शेर आ जाता है
और शेर उसको खाने के लिए जैसे ही दौड़ता है तभी गाय शेर से विनती करती है
कि आज हमें मत खाओ जाने दो .. मेरा एक बछड़ा है जो मेरा इंतज़ार कर रहा है ..और मैं वादा करती हूँ उसे आज दूध पिलाकर कल मैं खुद आ जाउंगी फिर मुझे खा लेना..
बड़ी विनती के बाद शेर उसके अगले दिन आने की शर्त पर जाने देता है ..
गाय घर आती है ..उसे देख कर उसका बछड़ा दौड़ कर ख़ुशी से अपनी मां के पास आ जाता है ..मां इतनी देर क्यूँ कर दी..?
फिर उसने अपनी मां को दुखी देखकर पूछा -मां क्या हुआ...आज तुम मुझे प्यार क्यूँ नही कर रही ..?
भावुक होकर गाय ने बछड़े को जोर से गले लगाया,चूमा और बोली -नही ,बहुत प्यार करती हूँ तुम्हे ..
आओ खूब सारा दूध पी लो दिन भर भूखे रहे होगे...कल से मैं नही रहूंगी ..कल से तुम्हे अकेले ही रहना होगा ..ख्याल रखना अपना ..
क्या हुआ मां -बछड़े ने भोलेपन से मां के चेहरे तरफ देख कर बोला
गाय ने कहा- कुछ नही
बछड़ा जिद पर अड़ गया ..आखिर में मजबूर होकर उसे बताना ही पडा कि शेर ने उसे बस आज का समय दिया है..तुमसे मिलने बस के लिए ..कल मुझे जाना ही पड़ेगा..वादा करके आयी हूँ ..
बछड़े ने कहा - मां मैं भी चलूँगा..
मां मना करती है लेकिन वो नही मानता ..आखिर में अगले दिन वो जंगल में अपने बछड़े के साथ उसी जगह जाती है ..और फिर शेर जैसे ही आता है वो बछड़ा मां के आगे खड़ा हो जाता है ..
"शेर मामा ,तुम मम्मी को खा जाना..पहले मुझे खा लो..मैं अकेला नही रह पाउँगा मुझे दूध कौन पिलाएगी ..
बछड़े के मामा कहते ही और उसके भोलेपन में अपनी मां से इस तरह प्यार देख कर शेर पिघल जाता है ..
और बछड़े को गले लगा कर कंधे पर बिठा लेता है...और कहता है मेरे भांजे आज से ये वन तुम्हारा समझो ..
खूब खेलो...खूब घूमो... आज से ये वन तुम्हारा हुआ ....
हाहाहा ..
तो ये किस्सा था ..पता नही आपको कैसा लगा
लेकिन सच कहता हूँ मैं ये किस्सा सुनते हुए मां से चेहरा छिपा कर जाने क्यूँ फूट फूट कर रोता था ...मेरी मम्मी कभी ये जान नही पायी न मैं कभी बता पाया ....
लेकिन यही कुछ छोटे छोटे मोमेंट हैं जो आज तक नही भूले हैं वैसे के वैसे ही हैं ...
धन्यवाद आपके समय के लिए..
आपका भी कोई किस्सा हो तो जरुर शेयर करें ...
नमस्कार ...
Visit
www.youtube.com/kavisandeepdwivedi
और शेर उसको खाने के लिए जैसे ही दौड़ता है तभी गाय शेर से विनती करती है
कि आज हमें मत खाओ जाने दो .. मेरा एक बछड़ा है जो मेरा इंतज़ार कर रहा है ..और मैं वादा करती हूँ उसे आज दूध पिलाकर कल मैं खुद आ जाउंगी फिर मुझे खा लेना..
बड़ी विनती के बाद शेर उसके अगले दिन आने की शर्त पर जाने देता है ..
गाय घर आती है ..उसे देख कर उसका बछड़ा दौड़ कर ख़ुशी से अपनी मां के पास आ जाता है ..मां इतनी देर क्यूँ कर दी..?
फिर उसने अपनी मां को दुखी देखकर पूछा -मां क्या हुआ...आज तुम मुझे प्यार क्यूँ नही कर रही ..?
भावुक होकर गाय ने बछड़े को जोर से गले लगाया,चूमा और बोली -नही ,बहुत प्यार करती हूँ तुम्हे ..
आओ खूब सारा दूध पी लो दिन भर भूखे रहे होगे...कल से मैं नही रहूंगी ..कल से तुम्हे अकेले ही रहना होगा ..ख्याल रखना अपना ..
क्या हुआ मां -बछड़े ने भोलेपन से मां के चेहरे तरफ देख कर बोला
गाय ने कहा- कुछ नही
बछड़ा जिद पर अड़ गया ..आखिर में मजबूर होकर उसे बताना ही पडा कि शेर ने उसे बस आज का समय दिया है..तुमसे मिलने बस के लिए ..कल मुझे जाना ही पड़ेगा..वादा करके आयी हूँ ..
बछड़े ने कहा - मां मैं भी चलूँगा..
मां मना करती है लेकिन वो नही मानता ..आखिर में अगले दिन वो जंगल में अपने बछड़े के साथ उसी जगह जाती है ..और फिर शेर जैसे ही आता है वो बछड़ा मां के आगे खड़ा हो जाता है ..
"शेर मामा ,तुम मम्मी को खा जाना..पहले मुझे खा लो..मैं अकेला नही रह पाउँगा मुझे दूध कौन पिलाएगी ..
बछड़े के मामा कहते ही और उसके भोलेपन में अपनी मां से इस तरह प्यार देख कर शेर पिघल जाता है ..
और बछड़े को गले लगा कर कंधे पर बिठा लेता है...और कहता है मेरे भांजे आज से ये वन तुम्हारा समझो ..
खूब खेलो...खूब घूमो... आज से ये वन तुम्हारा हुआ ....
हाहाहा ..
तो ये किस्सा था ..पता नही आपको कैसा लगा
लेकिन सच कहता हूँ मैं ये किस्सा सुनते हुए मां से चेहरा छिपा कर जाने क्यूँ फूट फूट कर रोता था ...मेरी मम्मी कभी ये जान नही पायी न मैं कभी बता पाया ....
लेकिन यही कुछ छोटे छोटे मोमेंट हैं जो आज तक नही भूले हैं वैसे के वैसे ही हैं ...
धन्यवाद आपके समय के लिए..
आपका भी कोई किस्सा हो तो जरुर शेयर करें ...
नमस्कार ...
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7 Comments
Waah kya baat h sir...
ReplyDeleteBahut sundar kahani...
Waah kya baat h sir...
ReplyDeleteBahut sundar kahani...
Sach me sandeep sir,abhi meri ankhon me bhi ansu hain,hadd se jyada payar karta hu maa se,par unke pyar ko imagine bhi nahi kar sakta,thanks🙏🙏🙏
ReplyDeleteapka bhi bahut dhanywad nan lugal jii..
Deleteवाह गुरुजी , क्या बात है छोटी सी कहानी पर रिश्तों के बंधन का असीम संगम मजा आ गया सर
ReplyDeleteवाह!!.👌👌👌💞
ReplyDeleteI have no words for this......👌👌👌😢
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